आओ जाने हम कैसे असफल बन सकते है। (How to become Unsuccessful)

become unsuccessful

मुझे पता है आप ये ठीक से पढ़ने वाले नहीं हो क्‍योंकि वन-लाइनर पढ़ने की आदत ने बुद्धि और धैर्य पर लगाम लगाकर रखा है; लेकिन केवल 2 प्रतिशत लोग भी इसे पढ़े तो मेरा लेखन सार्थक हो जाएगा। आपको लग सकता है कि मैं सिर्फ ऐसे टॉपिक्‍स ही क्‍यों चुनता हूं जो परीक्षा से संबंधित होते है; क्‍योंकि ये आपके लिए जरूरी है ताकि आपका समय और संसाधन दोनों की समय पर बचत हो पाए, लेकिन ये सिर्फ परीक्षापयोगी नहीं अपितु हर जगह काम आ सकते है।

”मैं आपको बाजारवाद का शिकार नहीं होने देना चाहता क्‍योंकि आने वाले भविष्‍य में आप ही भारत हो और मैं भारत को नियंत्रक बनते हुए देखना चाहता हूं नियंत्रण में नहीं। सीखना जारी रखे सबसे जरूरी है सीखना और पढ़ते रहना, मायने नहीं रखता कि क्‍या पढ़ रहे हो। आपको सही और गलत में फर्क करना सीखना पड़ेगा अन्‍यथा आप खुद को एक बाजार बना दोगे जहां सिर्फ मुनाफे के लिए एक ज़रूरत पैदा की जाती है जो आपकी ज़रूरत कभी थी भी नहीं। “

क्‍योंकि किताबों के साये में बुद्धि तर्क और ज्ञान का विकास करती है।

चर्चा के मुख्‍य बिंदु कुछ निम्‍न प्रकार के हो सकते है:

  • परिचय
  • परीक्षा में असफलता के क्‍या क्‍या कारक हो सकते है?
  • इन असफलताओं के कारकों में कितनों पर मानवीय प्रभाव होता है?
  • असफलता के लाभ?

परिचय:

किसी भी परीक्षा में सफलता या असफलता एक वस्‍तुनिष्‍ठ (Objective) निर्णय है लेकिन ये बात भी सच है कि प्रतियोगी परीक्षा में और किसी विद्यालय या विश्‍वविद्यालय परीक्षा में असफलता के मायने अलग अलग है। हम आम तौर पर देखते हे कि समय का रूख विपरीत होने पर वे गलतियां हो जाती है जो होनी नहीं चाहिए; हॉं कई गलतियों पर हमारा नियंत्रण नहीं होता लेकिन इस सोच में हम हमारे नियंत्रण वाली गलतियों को दोहराते है और देवदास बन जाते है। छोड़ों ये सब बातें, मैं तो व्‍यंग्‍य कर रहा हूं उसी पर फोकस करते है।

परीक्षा में असफलता के क्‍या क्‍या कारक हो सकते है?

असफलता का बेहतरीन स्‍वाद तभी आता है जब हम हमारी ही गलतियों को स्‍वीकारते नहीं है। बहुत सारी गलतियां आप भी जानते है और मैं भी और हमारा मन इन गलतियों को मानने से सदा इन्‍कार करता है लेकिन क्‍या उल्‍लू के आंख बंद कर लेने से कहीं रात होती है भला। तो चलो एक नज़र फिर भी डाल ही लेते है;

  • टाइम टेबल कभी न बनाना अन्‍यथा तुम्‍हारे सारे काम समय पर होने लगेंगे।
  • अमानवीय टाइम टेबल बनाओ ताकि कभी फॉलो ही न हो पाए।
  • डेली एक रूटिन फॉलो न करना, अन्‍यथा तुम व्‍यस्‍त और बोर हो जाओगे।
  • काम को अगले दिन पर टालना, अन्‍यथा तुम्‍हारे काम समय पर पूरे होंगे और अतिरिक्‍त समय बचेगा।
  • ओवर थिंकिंग करना जिससे एक मकड़जाल बन जाएगा जो आपके समय को बेहतरी से बरबाद करेगा।
  • एक बार पढ़े गए को दोबारा न पढ़ना क्‍योंकि उससे चीज़े याद होने लगेगी और कहीं आप सफल न हो जाओ।
  • हर किसी को उनके कामों के लिए हॉं कहना ताकि अपना कीमती समय उन्‍हें देकर बाद में उन्‍हें दोष दिया जा सके।
  • मोटिवेशनल वीडियो देखों और अपने अंदर जस्‍बातों की हवा भर लो जो एक दिन के लिए काफी है।
  • कभी किसी को प्राथमिकता न देना अन्‍यथा तुम्‍हारा सबसे जरूरी काम पहले हो जाएगा।
  • किताबे न पढ़ना क्‍योंकि उसमें समय लगता है।
  • किताब पढ़ने से अच्‍छा बाजार में उपलब्‍ध उनके सार को पढ़ना है ताकि आपके पैसे और समय दोनों खूब कुशलता से बरबाद हो और आपको कुछ सीखने को न मिले।
  • और सबसे बड़ा फायदा अपने पढ़ने की आदत को खत्‍म करना जिससे आप कुछ नया सीखने के काबिल ही न बच पाओ और कुछ कोचिंग संस्‍थान अपने कोर्स और नोट्स आपको बेच सके और आप उन के मुरीद हो जाए और उनको भगवान बना दो और अपनी तार्किक बुद्धि का नाश कर दो।
    (“यहां मैं किसी कोचिंग पर तंज नहीं कर रहा हूं क्‍योंकि वे एक सहारा होती है लेकिन वे आपको धीरे धीरे अपाहिज बना रहीं है।”)

और भी कई तरीके है जिससे आप सफलता से कोसों दूर रह सकते है।

इन असफलताओं के कारकों में कितनों पर मानवीय प्रभाव होता है?

सारी समस्‍याओं पर कहीं न कहीं मानवीय नियंत्रण है लेकिन वो कितना प्रत्‍यक्ष या कितना अप्रत्‍यक्ष है कहना मुश्किल है। हॉं संयोग और परिस्थितियां ऐसी चीजें है जो नियंत्रण से दूर है। लेकिन कुछ पहलू ऐसे है जो हमसे सीधे जुड़े हुए है। तो हम उन गलतियों को न सुधारे ताकि हम हमारी असफलता का किस्‍सा चलता रहे।

असफलता के क्‍या लाभ हो सकते है?

जो स्थिति हमने इतने प्रयासों से अर्जित की है उसमें लाभ न हो ऐसा हो नहीं सकता। लाभों की गिनती तो नहीं कि जा सकती क्‍योंकि ये गणना योग्‍य नहीं है लेकिन इतना कह सकता हूं ये डिप्रेसन में जाने का मार्ग प्रशस्‍त करती है, अपने ही लोगों से दूर कर देती है, ये निर्भरता देती है, ये आपको दिखावे से दूर रखती है, हर दिन ताने देने की पहली कड़ी बनती है। और भी बहुत कुछ है लेकिन अभी के लिए इतना ही ठीक है।

ज़रा टॉपिक से हट के:-

उपर की सारी समस्‍याओं का समाधान आपके पास मौजूद है और नहीं है तो आपमें समाधान खोजने की क्षमता है। खुद पर विश्‍वास करेे।

देखो यारोंं, सफलता और असफलता के अपने मायने अलग-अलग है। किसी विद्यार्थी के लिए उसकी पढ़ाई ही सफलता है, किसी किसान के लिए उसकी अच्‍छी फसल ही उसकी सफलता है, किसी व्‍यक्ति का अपने काम में इमानदारी से जुड़े रहना ही उसकी सफलता है, इससे बड़ा को मतलब नहीं सफलता का।

इस दुनिया में लगभग 800 करोड़ लोग है और उनमें से केवल 1% लोग ही सफल है जो वो काम कर रहे है जो वे करना चाहते थे और इस दुनिया में वे लोग भी 1% ही है जो अपने 24 घंटे में से 8 से 12 घंटे अपने काम को योजनाबद्ध तरीके और इमानदारी से करते है। तो क्‍या ये वो ही 1% तो नहीं?

लोग कहते है कि मेहनत का दूसरा विकल्‍प नहीं लेकिन मैं कहता हूं मेहनत का दूसरा विकल्‍प है योजनाबद्ध तरीके से की कई सही मेहनत, इसीलिए आप कुछ चीजों में सफल नहीं हो पा रहे है तो लक्ष्‍य में समस्‍या नहीं है बल्कि उस तरीके में समस्‍या है जो आप फॉलो करते है।

तरीका बदल कर देखों, क्‍या पता सब कुछ बदल जाए।

करने के लिए बहुत सारी बाते हैं लेकिन शायद आप सह न पाए लेकिन धीरे धीरे करते रहूंगा।

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